मुख्य न्यायाधीश
धर्मस्थ
पौर व्यावाहारिक
प्रदेष्टा
राज्य तथा नागरिकों के मध्य होने वाले विवाद का निर्णय करने वाले न्यायालय को कण्टक शोधन न्यायालय कहा जाता है। ये फौजदारी अदालतें थी। प्रदेष्टा को फौजदारी न्यायालय का न्यायाधीश कहा जाता था। फौजदारी न्यायालय में मारपीट हत्या, चोरी आदि के मामलों को निपटाया जाता था।
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