मौर्य शासन व्यवस्था में ‘रुपदर्शक’ नामक अधिकारी था -

  • 1

    सिक्को का निरीक्षक

  • 2

    चाँदी तथा अन्य धातुओं का परीक्षक

  • 3

    रंगमंच का प्रबन्धक

  • 4

    गणिकाओं का प्रभारी

Answer:- 1
Explanation:-

लक्षणाध्यक्ष मुद्रा जारी करता था। लोग जब स्वयं सिक्के बनवाते थे तो उसे राज्य को ब्याज रुपिका और परीक्षण के रुप में देना पड़ता था। मुद्राओं का परीक्षण करने वाले अधिकारी को रुपदर्शक कहा जाता था। मौर्यकाल तक आते व्यापार व्यवसाय में नियमित सिक्कों का प्रचलन हो चुका था। सिक्के सोने, चांदी तथा तांबे के बने होते थे।

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