अनुच्छेद 124 की धारा (4) व (5)
अनुच्छेद 126 की धारा (4) व (5)
अनुच्छेद 127 की धारा (4) व (5)
अनुच्छेद 124
सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीशों को संसद द्वारा हटाया जाता है इसके लिये संसद के किसी भी सदन में प्रस्ताव लाया जा सकता है। अगर लोकसभा यह प्रस्ताव लाता है तो इस पर 100 सदस्यों की सहमति होनी चाहिए जबकि यह प्रस्ताव यदि राज्यसभा द्वारा लाया जाये तो 50 सदस्यों की ही सहमति होनी चाहिए। जिस भी सदन में यह प्रस्ताव लाया जायेगा उस सदन का अध्यक्ष इसे स्वीकार व अस्वीकार दोनों ही कर सकता है। अगर सदन के अध्यक्ष द्वारा इसे स्वीकार कर लिया गया तो वह 3 सदस्यी जाँच समिति का गठन करेगा - 1) सुप्रीम कोर्ट का मुख्यन्यायाधीश या अन्य वरिष्ठत्तम न्यायाधीश, 2) किसी भी हाईकोर्ट का मुख्यन्यायाधीश, 3) प्रतिष्ठित न्यायविद्। इन सबके बाद अगर संसद के दोनों सदन 2/3 बहुमत से प्रस्ताव पारित कर देते हैं तो राष्ट्रपति के कहने पर न्यायाधीश को अपना पद छोड़ना पड़ेगा। अभी तक भारत का कोई भी न्यायाधीश इस प्रक्रिया से बाहर नहीं हुआ है। भारत के सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश को अनुच्छेद 124 की धारा (4) व (5) के तहत हटाया जाता है।
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