ग्रामदान से
कराधान से
भिक्षादान से
भूमि दान से
गुप्त सम्राटों के समय गणतंत्रीय राज्यव्यवस्था का हास्य हुआ। गुप्त प्रशासन राजतंत्रात्मक व्यवस्था पर आधारित था। देवत्व का सिद्धांत गुप्तकालीन शासकों में प्रचलित था। जनपत वंशानुगत सिद्धांत पर आधारित था। राजा अपने बड़े पुत्र को युवराज घोषित करता था।
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