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हत्या
हत्या की कोटि में न आने वाला मानव वध
उतावलेपन व अपेक्षापूर्ण कृत्य द्वारा मृत्युकारित करना
किसी अपराध के लिए दोषी नही
डूबते हुए व्यक्ति को बचाना किसी का दायित्व नहीं है, एक नैतिकता है, अतः किसी अपराध के लिए दोषी नहीं होगा।
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