रिसाला
सिर-ए-नौबत
वारगीर
पागा
शिवाजी की अश्वारोही सेना के संगठन को ‘पागा’ कहा जाता था। इसमें दो प्रकार के सैनिक थे - वारगीर, एवं सिलेदार थे। इनके नियमित राजकीय घुड़सवारों जिन्हें सरकार की ओर से घोड़े और अस्त्र-शस्त्र प्राप्त होते थे, को ‘वारगीर’ कहा जाता था। जबकि अपने लिए घोड़े तथा हथियार की स्वयं व्यवस्था करने वाले सैनिकों को ‘सिलेदार’ कहा जाता था। सेनापति को ‘सिर-ए-नौबत’ कहा जाता था।
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