संज्ञेय अपराध परिभाषित है -

  • 1

    CrPC 1973 की धारा 2C

  • 2

    CrPC 1973 की धारा 2L

  • 3

    IPC 1860 की धारा 2C

  • 4

    IPC 1860 की धारा 2L

Answer:- 1
Explanation:-

संज्ञेय अपराध →
संज्ञेय और असंज्ञेय अपराध की परिभाषा 
क्रीमिनल प्रोसिजर कोड (CrPC 1973) की धारा 2 (सी) में दी गई है। 
इस अधिनियम की धारा 2 (सी) कहती है कि 
ऐसा अपराध जिसमें पुलिस किसी व्यक्ति को बिना किसी वारंट के गिरफ्तार कर सकती है, 
वह संज्ञेय अपराध कहलाता है। 
पुलिस के पास संज्ञेय अपराधों में बिना वारंट गिरफ्तार करने के अधिकार है।

Post your Comments

Your comments will be displayed only after manual approval.

Test
Classes
E-Book