दाराशिकोह
बदायूँनी
अबुल फजल
फैजी
मुगल बादशाह अकबर ने फारसी साहित्य को समृद्ध करने के लिए एक अनुवाद विभाग की स्थापना की, जिसमें विभिन्न भाषाओं के ग्रंथों का फारसी में अनुवाद किया जाता था। यह विभाग स्वयं बादशाह की ही देखरेख में काम करता था। संस्कृत, अरबी, तुर्की और ग्रीक भाषाओं के कई सुप्रसिद्ध ग्रन्थों का फारसी में अनुवाद किया गया, क्योंकि फारसी राज-दरबार की भाषा थी, और राज्य के सभी अधिकारियों को इसे अनिवार्य रुप से पढ़ना पड़ता था। ‘लीलावती’ प्रसिद्ध गणितज्ञ भास्कर द्वितीय (1114 से 1185 ई.) की प्रसिद्ध रचना है, जिसमें उन्होंने अंकगणित, बीजगणित तथा ज्यामिति के सिद्धान्तों का प्रतिपादन किया है।
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