अकबर
शाहजहाँ
हुमायूँ
अलाउद्दीन
मुगलों के भारत आगमन के समय हिन्दी भाषा ने साहित्यिक भाषा का रुप ग्रहण कर लिया था। अकबर की उदारता ने और धार्मिक सहनशीलता की नीति ने हिन्दी साहित्य के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया। अकबर के समय हिन्दी को राजकीय संरक्षण प्रदान किया गया परन्तु हिन्दी साहित्य निर्माण केवल दरबार के संरक्षण पर ही निर्भर नहीं रहा।
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