5 सप्ताह
10 सप्ताह
15 सप्ताह
20 सप्ताह
गर्भपात का कानून - (गर्भ का चिकित्सीय समापन अधिनियम, 1971)
गर्भवती स्त्री कानूनी तौर पर गर्भपात केवल निम्नलिखित स्थितियों में करवा सकती है :
1. जब गर्भ की वजह से महिला की जान को खतरा हो ।
2. महिला के शारीरिक या मानसिक स्वास्थ्य को खतरा हो।
3. गर्भ बलात्कार के कारण ठहरा हो।
4. बच्चा गंभीर रूप से विकलांग या अपाहिज पैदा हो सकता हो।
5. महिला या पुरुष द्वारा अपनाया गया कोई भी परिवार नियोजन का साधन असफल रहा हो।
यदि इनमें से कोई भी स्थिति मौजूद हो तो –
गर्भवती स्त्री 1 डॉक्टर की सलाह से बारह हफ्तों तक गर्भपात करवा सकती है।
बारह हफ्ते से ज्यादा तक बीस हफ्ते (पाँच महीने) से कम गर्भ को गिरवाने के लिए 2 डॉक्टर की सलाह लेना जरुरी है।
बीस हफ्तों के बाद गर्भपात नहीं करवाया जा सकता है।
गर्भवती स्त्री से जबर्दस्ती गर्भपात करवाना अपराध है।
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