भारतीय दण्ड संहिता की धारा 325 संबंधित है -

  • 1

    खतरनाक आयुधों या साधनों द्वारा स्वेच्छया उपहति कारित करना

  • 2

    जानबूझ कर स्वेच्छा से किसी को चोट पहुँचाने के लिए दण्ड

  • 3

    जानबूझ कर स्वेच्छा से किसी को चोट पहुँचाने के लिए दण्ड

  • 4

    खतरनाक आयुधों या साधनों द्वारा स्वेच्छया घोर उपहति कारित करना

Answer:- 2
Explanation:-

गंभीर चोट की दशा में धारा 325 » जानबूझ कर स्वेच्छा से किसी को चोट पहुँचाने के लिए दण्ड
अगर किसी भी व्यक्ति की मारपीट के दौरान हड्डी फैक्चर होती है या फिर उसे गंभीर चोटें आती हैं तो ऐसी दशा में आईपीसी की धारा-325 के तहत भी मामला दर्ज होता है। 
यह मामला भी संज्ञेय है लेकिन इसमें समझौता हो सकता है। 
यह भी एक जमानती अपराध है। इस अपराध में दोषी करार होने पर 7 साल तक की कैद, आर्थिक दंड या फिर दोनों ही दंड दिए जा सकते हैं। यह धारा उस दशा में लगती है जब अपराध जानबूझकर किसी व्यक्ति को क्षति पहुंचाने के लिए किया गया हो। घातक हथियारों से हमला पर धारा 324 - खतरनाक आयुधों या साधनों द्वारा स्वेच्छया उपहति कारित करना गंभीर चोट की दशा में धारा 325 » जानबूझ कर स्वेच्छा से किसी को चोट पहुँचाने के लिए दण्ड गंभीर चोट की दशा में धारा 325 » जानबूझ कर स्वेच्छा से किसी को चोट पहुँचाने के लिए दण्ड गंभीर रूप से जख्मी होने की दशा में धारा 326 » खतरनाक आयुधों या साधनों द्वारा स्वेच्छया घोर उपहति कारित करना

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