भारतीय दण्ड संहिता की धारा 349 संबंधित है -

  • 1

    सदोष अवरोध

  • 2

    सदोष परिरोध

  • 3

    बल

  • 4

    अपराधिक बल

Answer:- 3
Explanation:-

धारा 349 → बल
यहाँ 3 तरीकों का वर्णन किया गया है –
अपनी निजी शारीरिक शक्ति द्वारा
किसी पदार्थ के इस प्रकार व्ययन द्वारा की उसके अपने या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा कोई अन्य कार्य के लिए जाने के बिना ही गति या गति – परिवर्तन या गतिहीनता घटित होती है।
किसी जीवजंतु को गतिमान होने, गति – परिवर्तन करने या गतिहीन होने के लिए उत्प्रेरण द्वारा। धारा 339 की परिभाषा » {सदोष अवरोध का अपराध}
धारा 340 → {सदोष परिरोध का अपराध} धारा 349 – बल
धारा 350 – आपराधिक बल

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