धारा 307
धारा 323
धारा 350
धारा 351
धारा 351 → हमला
मानव शरीर पर होने वाला सबसे छोटा अपराध है, हमला(Assault)
यह तुरंत ही प्रभावी होता है जैसे कोई व्यक्ति किसी को मारने के लिए मुक्का उठा लेता है और वह मारने ही वाला होता है, यहाँ पर जिस व्यक्ति ने मुक्का उठाया है वह हमले के अपराध का दोषी होगा।
जरूरी नहीं है कि वह अन्य व्यक्ति को मरेगा तभी अपराध होगा। सिर्फ हमला मात्र करना अपराध होता है।
एन. अरुमुगम बनाम ए. व्ही. एम. वेललई चननी में मद्रास उच्च न्यायालय ने यह अभिनिर्धारित किया की
जहां अभियुक्त ने परिवादी पर रिवाल्वर तानकर गोली मार देने की धमकी दी, उसने धारा 307 के अधीन हत्या के प्रयत्न का अपराध नहीं बल्कि धारा 351 में परिभाषित हमला करने का अपराध किया ।
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