5 साल कारावास
7 साल कारावास
10 साल कारावास
आजीवन कारावास
भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 363-क, के अंतर्गत दण्ड का प्रावधान →
इस धारा के अपराध किसी भी प्रकार से समझौता योग्य नहीं है। यह अपराध संज्ञेय एवं अजमानतीय अपराध होते है,इनकी सुनवाई का अधिकार प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट एवं सेशन न्यायालय को होता है।
इस धारा के अपराध की सजा को दो भागो में बाँटा गया है →
1. किसी भी नाबालिक बच्चों से भीख मंगवाने के लिए- 10 वर्ष के लिए कारावास ओर जुर्माने से दण्डित किया जा सकता है।
2. नाबालिक को विकलांग करके भीख मंगवाने पर - आजीवन कारावास और जुर्माने से दण्डित किया जा सकता है।
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