5 या 5 से अधिक
4 से अधिक
10 या 10 से अधिक
4 या 4 से कम
भारतीय दंड संहिता की धारा 390 में कहा गया है कि सभी प्रकार की लूट में या तो चोरी है या उद्दापन होता है।
चोरी लूट है अगर उस चोरी को करने के लिए या उस चोरी से प्राप्त होने वाली संपत्ति को अपने साथ ले जाने के लिए या ले जाने के प्रयत्न में अपराधी उस उद्देश्य से या स्वेच्छा से किसी व्यक्ति को मारने का या सदोष अवरोध का भय कारित करता है या ऐसा करने का प्रयास करता है।
इस तरह चोरी में जब हिंसा के साथ धमकी, सदोष अवरोध और भय जैसे तत्व शामिल हों तो वह लूट बन जाती है।
कई बार ऐसे केस देखने में आते हैं कि पांच से कम लोग कहीं चोरी की नीयत से आए थे, लेकिन संपत्ति के मालिक के देख लेने के बाद चोरों ने मालिक को मारा पीटा और जान से मारने की धमकी दी।
हालांकि अपराधियों की इस तरह हिंसा करने या धमकी देने की पूर्व योजना नहीं थी, लेकिन इस चोरी और संपत्ति के मालिक के साथ हिंसा, सदोष अवरोध और धमकी के कारण चोरी अब लूट में बदल जाती है।
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