केवल 1
1 & 2 दोनों
केवल 2
उपर्युक्त सभी
धारा 395 → डकैती के लिए दण्ड
भारतीय दंड संहिता की धारा 395 के अनुसार, जो भी कोई डकैती करेगा, तो
सज़ा » आजीवन कारावास या 10 वर्ष कारावास आर्थिक दण्ड
नोट » लूट रास्ते में हो सकती है या फिर घर में घुस कर। लेकिन लूट के बाद बदमाशों को सजा दिलाने में समय का बड़ा महत्व होता है।
अगर लूट दिन के वक्त सूर्यास्त होने से पहले हुई है तो उसमें अदालत पकड़े गए आरोपी को दस साल की सजा सुना सकती है लेकिन अगर लूट सूर्यास्त के बाद हुई है तो उसमें सजा की अवधि है चौदह साल या आजीवन कारावास।
आईपीसी की धारा 395 के तहत जो लूट से थोड़ी अलग है। अगर लूट की वारदात में बदमाशों की संख्या चार से ज्यादा है तो मामला लूट के बजाए डकैती की धारा में दर्ज होता है। अधिकतर पुलिस इस धारा का इस्तेमाल करने से बचती है।
इसके लिए वह पीड़ित से घटना में शामिल बदमाशों की संख्या चार तक सीमित कराने का प्रयास करती है ताकि लूट की रिपोर्ट दर्ज की जा सके। डकैती की धारा में रिपोर्ट दर्ज होने पर मामला आईजी स्तर तक के संज्ञान में रहता है और वह हर सप्ताह केस की प्रगति रिपोर्ट सीओ से लेकर आईजी तक एसआर केस मानते हुए पूछते हैं।
डकैती की धारा में भी समय का महत्व होता है। इसका ट्रायल सेशन कोर्ट में होता है। जिसमें सजा आजीवन कारावास है।
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