कथनः गर्भस्थ शिशु (भ्रूण) की लिंग की जाँच के लिए अल्ट्रासोनोग्राफी एमीनो सेंटेसिस आदि जैसी प्रसव पूर्व निदान तकनीकि प्रयोग को 1 जनवरी 2008 से गैर कानूनी घोषित कर दिया गया।
निष्कर्षः 
1. 1 जनवरी 2008 से पूर्व गर्भस्थ शिशु (भ्रुण) की लिंग जाँच के लिए प्रसव पूर्व निदान तकनीकी का प्रयोग कानूनन वैध था।
2. 1 जनवरी 2008 से कोई भी महिला यदि गर्भस्थ शिशू (भ्रुण) की लिंग की जाँच करवाती है तो वह कानूनन एक जुर्म होगा।

  • 1

    यदि केवल निष्कर्ष 1 निकलता है।

  • 2

    यदि केवल निष्कर्ष 2 निकलता है।

  • 3

    यदि निष्कर्ष 1 और 2 दोनो निकलते हैं।

  • 4

    न तो निष्कर्ष 1 और न ही निष्कर्ष 2 निकलता है।

Answer:- 2

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