धारा 408
धारा 407
धारा 409
धारा 406
धारा 409 » लोक सेवक या बैंक कर्मचारी, व्यापारी या अभिकर्ता द्वारा विश्वास का आपराधिक हनन →
अगर कोई लोकसेवक, व्यापारी, एजेंट, बैककर्मी, ग्राम सरपंच -सचिव,कियोस्क संचालक, दलाल, अटॉर्नी आदि व्यक्ति किसी व्यक्ति या आम जनता की संपत्ति को बेईमानीपूर्वक गबन कर लेता है या ऐसी संपत्ति को जो जनता से कर या टैक्स के रूप में कार्यालय में जमा करने के लिए ली गई है।
उसको बीच में ही गबन कर दे तब ऐसे लोकसेवक का उपर्युक्त कर्मी धारा 409 के अंतर्गत अपराधी होगा। क्योंकि ये सभी कर्मी जनता के विश्वास के पात्र होते हैं,इसी लिए इनका अपराध क्षमा योग्य नहीं होता है।
भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 409 के अंतर्गत दण्ड का प्रावधान →
इस धारा के अपराध किसी भी प्रकार से समझौता योग्य नहीं है, यह संज्ञेय एवं अजमानतीय अपराध है। इनकी सुनवाई का अधिकार प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट को हैं।
सजा » इस अपराध के लिए आजीवन कारावास से 10 वर्ष की कारावास हो सकती है एवं साथ मे जुर्माने से भी दण्डित किया जा सकता है।
धारा 408 → लिपिक या सेवक द्वारा विश्वास का आपराधिक हनन
धारा 407 → कार्यवाहक आदि द्वारा आपराधिक विश्वासघात
धारा 406 → आपराधिक न्यासभंग के लिए दंड
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