धारा 411
धारा 412
धारा 413
धारा 414
भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा-412 की परिभाषा →
कोई व्यक्ति जानते हुए की किसी डकैत द्वारा संपत्ति को लूटा गया है, और उसका उपयोग बेईमानी से करेगा या अपने कब्जे में रखेगा तब ऐसा करने वाला व्यक्ति धारा 412 के अंतर्गत दोषी होगा।
नोट » इस धारा में डकैती करने वाला डाकू अपराधी नहीं होगा, उनके द्वारा लूटी संपत्ति को उपयोग करने वाला या रखने वाला व्यक्ति अपराधी होता है।
भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 412 के अंतर्गत दण्ड का प्रावधान →
इस धारा के अपराध किसी भी प्रकार से समझौता योग्य नहीं है,यह संज्ञेय एवं अजमानतीय अपराध होते हैं। इनकी सुनवाई का अधिकार सेशन न्यायालय को होता है।
सजा » आजीवन कारावास या 10 वर्ष की कठोरतम कारावास एवं जुगाड़ से दण्डित किया जा सकता है।
धारा 411 – चुराई हुई संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करना
धारा 412 – ऐसी संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करना जो डकैती करने में चुराई गई है।
धारा 413 – चुराई हुई संपत्ति का अभ्यासतः व्यापार करना
धारा 414 – चुराई हुई संपत्ति छिपाने में सहायता करना
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