मुद्रा पूर्ति नियंत्रित होती है
घाटे की वित्त व्यवस्था होती है
केवल निर्यात होता है
ना तो निर्यात और ना ही आयात होता है
अगर दो देशों के बीच किसी भी प्रकार का कोई भी वित्तीय संबंध नहीं होता तो उसे बंद अर्थव्यवस्था कहा जाता है वित्तीय संबंध से तात्पर्य पर आयात और निर्यात से है।
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