तृतीय क्षेत्र का
द्वितीय क्षेत्र का
प्राथमिक क्षेत्र का
उपरोक्त में से किसी का नहीं
छिपी हुई बेरोजगारी उसे कहा जाता है जिसमें सीमांत उत्पादकता शून्य होती है। अर्थात जिसमें कार्य के बदले श्रमबल ज्यादा उपलब्ध हो उस क्षेत्र में छिपी हुई बेरोजगारी पाई जाती है। वर्तमान समय में भारत में छिपी हुई बेरोजगारी प्राथमिक क्षेत्र के अंतर्गत सर्वाधिक पाई जाती है।
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