धारा 378
धारा 377
धारा 376
धारा 375
धारा 378 आईपीसी » चोरी
यदि कोई व्यक्ति किसी की मूल्यवान वस्तु, संपत्ति अथवा किसी वस्तु को, बिना उसकी सम्मति के लेना या उठाना, चोरी कहलाती हैं।
तब यह धारा 378 किसी व्यक्ति पर लागू होगी। इसके लिए आपको दण्ड IPC की धारा 379 के अंतर्गत मिलेगा।
अगर कोई पर्सन किसी दूसरे पर्सन के कब्जे से उसकी सहमति के बिना कोई चल यानी मूवेबल प्रॉपर्टी बेईमानी की नियति से हटाता है तो यह चोरी है। चोरी में तीन चीजें काफी इंपोर्टेंट है, पहली तो यह की प्रॉपर्टी मूवेबल होनी चाहिए यानी उसको एक जगह से दूसरी जगह मूव किया जा सकता हो। दूसरी यह कि वह प्रॉपर्टी ओनर की सहमति के बिना ली गई हो और तीसरी के प्रॉपर्टी को बेईमानी की नियत से लिया गया हो।
उदाहरण →
(क) A की सम्मति के बिना A के कब्जे में से एक वृक्ष बेईमानी से लेने के आशय से A की भूमि पर लगे हुए उस वृक्ष को B काट डालता है। यहां, ज्योंहि B ने इस प्रकार लेने के लिए उस वृक्ष को पृथक किया, उसने चोरी की।
धारा 375 » बलात्संग
धारा 376 » बलात्कार के लिए दण्ड
धारा 377 » प्रकृति विरुद्ध अपराध
धारा 378 » चोरी
Post your Comments