इलंगो
परणर
करिकाल
विष्णुस्वामिन
शिल्प्पादिकरम महाकाव्य की रचना चोल शासक सेन गुट्टुवन के भाई इलंगो अडिगल ने लगभग ईसा के दूसरी तीसरी शदी में की थी। शिल्प्पादिकरम को तमिल साहित्य का प्रथम महाकाव्य माना जाता है। शिल्प्पादिकरम का शाब्दिक अर्थ 'नुपूर की कहानी' होता है। शिल्प्पादिकरम की कार्यक्रम की कथा नुपूर के चारों ओर घूमती है। इस महाकाव्य का नायक कोवलन है। तथा नायिका कण्णगी है।
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