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कुरल ग्रन्थ की रचना तिरूवल्लुवर ने की। कुरल का पूरा नाम तिरूक्कुरल है जो तमिल भाषा में लिखित प्राचीन मुक्तक काव्य रचना है। इसकी रचना ईसा पू. दूसरी शताब्दी से लेकर ईसा की 6 वीं शताब्दी तक हो सकती है। तिरूक्कुरल को एक जैन रचनाकार माना जाता है। इसका प्रथम अध्याय ईश्वर स्तुति है, जिसने जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर ऋष्भदेव की स्तुति की गयी है।
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