भारतीय दण्ड संहिता में धारा 421 संबंधित है -

  • 1

    लेनदारों में वितरण निवारित करने के लिए संपत्ति का बेईमानी से या कपटपूर्वक अपसारण या छिपाना

  • 2

    ऋण को लेनदारों के लिए उपलब्ध होने से बेईमानी से या कपटपूर्वक निवारित करना

  • 3

    अन्तरण के ऐसे विलेख का, जिसमें प्रतिफल के संबंध में मिथ्या कथन अन्तर्विष्ट है, बेईमानी से या कपटपूर्वक निष्पादन

  • 4

    सम्पत्ति का बेईमानी से या कपटपूर्वक अपसारण या छिपाया जाना

Answer:- 1
Explanation:-

421 – लेनदारों में वितरण निवारित करने के लिए संपत्ति का बेईमानी से या कपटपूर्वक अपसारण या छिपाना
422 – ऋण को लेनदारों के लिए उपलब्ध होने से बेईमानी से या कपटपूर्वक निवारित करना
423 – अन्तरण के ऐसे विलेख का, जिसमें प्रतिफल के संबंध में मिथ्या कथन अन्तर्विष्ट है, बेईमानी से या कपटपूर्वक निष्पादन
424 – सम्पत्ति का बेईमानी से या कपटपूर्वक अपसारण या छिपाया जाना धारा 421 आईपीसी - लेनदारों में वितरण निवारित करने के लिए संपत्ति का बेईमानी से या कपटपूर्वक अपसारण या छिपाना
यदि कोई व्यक्ति किसी चल संपत्ति (रुपयों) का अपने लेनदारों या किसी अन्य व्यक्ति के लेनदारों के बीच विधि के अनुसार दी गई चल संपत्ति को वापस लेता है एवं सामने वाला अन्य व्यक्ति उस चल संपत्ति को वापस देने में संकोच या बेईमानी यानी कि कपटपूर्वक बेईमानी करता है, या फिर छुपाता है, और अपने कर्जदार को वह समय अनुसार अपने पास चल संपत्ति होते हुए भी नहीं देता है, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दंडित किया जाएगा।

Post your Comments

Your comments will be displayed only after manual approval.

Test
Classes
E-Book