नीव लिटरेचर फेस्टिवल 2023 का आयोजन बेंगलुरु के येमलूर में नीव अकादमी में किया जाएगा।
इसका लक्ष्य असाधारण बच्चों की पुस्तकों को खोजना और प्रस्तुत करना था जो भारतीय अनुभवों और कहानियों के आसपास केंद्रित हैं।
यह माता-पिता और शिक्षकों के लिए पैनल चर्चा और बातचीत भी प्रदान करता है।
इस महोत्सव का उद्देश्य मीडिया के अन्य रूपों को उजागर करके अपने क्षितिज को व्यापक बनाना है।
इस आयोजन में मास्टरक्लास, बुक रीडिंग, साइनिंग, प्रदर्शन और इंटरैक्टिव सत्र शामिल होंगे।
ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले की प्रसिद्ध मिठाई ‘रसबली’ को जीआई टैग दिया गया है।
केंद्रपाड़ा रसबली मेकर्स एसोसिएशन और रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एंड एम्प्लॉयमेंट ने 2021 में मिठाई के लिए जीआई टैग के लिए आवेदन किया था।
जीआई टैग प्राप्त होने के बाद रसबली के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और बेहतर कीमत भी मिलेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने तेलंगाना के मुलुगु में केंद्रीय जनजाति विश्वविद्यालय स्थापित करने की घोषणा की है।
इस विश्वविद्यालय का नाम आदिवासी देवी सम्मक्का और सारक्का के नाम पर रखा जाएगा।
केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए 900 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।
साहित्य के लिए 2023 का नोबेल पुरस्कार नॉर्वे के लेखक जॉन फॉसे को दिया जाएगा।
जॉन फॉसे, रोजमर्रा की ऐसी स्थितियों को प्रस्तुत करते हैं जिन्हें लोगों के जीवन में आमतौर पर देखा जा सकता है।
जॉन फॉस को नोबेल पुरस्कार 2023 उनके अभिनव नाटकों और गद्य के लिए दिया जाएगा।
2023 के लिए नोबेल पुरस्कार राशि स्वीडिश क्रोनर (एसईके) प्रति पूर्ण नोबेल पुरस्कार 11.0 मिलियन निर्धारित की गई है।
पीएम स्वनिधि योजना ने 65.75 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को कवर करने का लक्ष्य हासिल किया है।
इस योजना के तहत 50 लाख से ज्यादा स्ट्रीट वेंडर्स लाभान्वित हुए, जिनका कुल मूल्य 8,600 करोड़ रुपये से ज्यादा है।
जिससे 1,33,003 करोड़ रुपये के 113.2 करोड़ से ज्यादा डिजिटल लेनदेन हुए हैं, जिसमें लाभार्थियों को 58.2 करोड़ रुपये का कैशबैक प्राप्त हुआ है।
इस योजना का उद्देश्य 50,000 रुपये तक बिना किसी गारंटी के पूंजी ऋण की सुविधा प्रदान करना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हाई टेस स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेंटर का उद्घाटन किया।
इस सेंटर का नाम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा गया है, यह सेंटर दिव्यांगजन के लिए देश का पहला उच्च तकनीक वाला खेल प्रशिक्षण केंद्र है।
दिव्यांग खेलों के लिए अटल बिहारी प्रशिक्षण केंद्र में देश भर के दिव्यांगजन अभ्यास और प्रशिक्षण ले सकते हैं।
इस पहल का उद्देश्य खेलों में समान अवसर प्रदान करना, प्रतिभा को बढ़ाना और विभिन्न खेल विषयों में भागीदारी को प्रोत्साहित करना है।