मार्क्सवाद के द्वारा सामाजिक न्याय की अवधारणा पर बल दिया जाता है।
मार्क्सवाद का सिध्दान्त कार्लमार्क्स द्वारा दिया गया यह एक वैज्ञानिक समाजवादी विचारक थे।
दास कैपिटल का लेखक काल मार्क्स बने।
प्रस्तावना के अनुसार परम शक्ति भारत की जनता के हाथ में होती है।
संविधान में प्रस्तावना / उद्देशिका को 26 नवंबर 1949 ई. मार्ग शुल्क सप्तमी संवत दो हजार छः विक्रमी को अंगीकृत किया गया।
प्रस्तावना को संविधान की कुंजी कहा जाता है।
छाया मंत्रिमंडल की रीति की शुरुआत ग्रेट ब्रिटेन से हुई।
जहां विपक्ष एक समान्तर मंत्रिमंडल का गठन करता है।
ब्रिटेन में यह व्यवस्था 1937 में शुरू हुई।
कुल 24 देश में यह व्यवस्था चल रही है।
भारतीय संघवाद कनाडा से लिया गया है।
संघवाद संवैधानिक राजसंचालन की उस प्रवृत्ति का प्रारूप है जिसके अन्तर्गत विभिन्न राज्य एक संविदा द्वारा एक संघ की स्थापना करते हैं।
विभाज्यता सम्प्रभुता का लक्षण नहीं है।
किसी भौगोलिक क्षेत्र या जन समूह पर सत्ता या प्रभुत्व के सम्पूर्ण अधिकार को सम्प्रभुता कहा जाता है।
सार्वभौमिकता, स्थायित्व व असीमिता इसी के लक्षण है।
एक अलिखित संविधान भारतीय संविधान की विशेषता नहीं है।
यह संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को पारित हुआ।
संविधान लिखने वाली सभा में कुल 299 सदस्य थे।
विश्व का एक मात्र अलिखित संविधान ग्रेट ब्रिटेन का है।
संविधान निर्माण में कुल 13 समितियों का गठन किया गया- जिसमें मुख्य है- उद्देश्य प्रस्ताव समिति, प्रारूप समिति, झण्डा समिति, कार्य संचालन समिति, नियमन समिति इत्यादि।
नोट- 13 मुख्य समिति सहित कुल 17 समिति थी।
प्रारुप समिति के सभापति सहित कुल सदस्य 7 सदस्य थे।
प्रारूप समिति के अध्यक्ष - बी. आर. अम्बेड़कर, कु. मुंशी, मुहम्मद शद्दुला, बी. एन. मित्तर, कृष्ण ऐयर, गोपाल स्वामी, डी. पी. खेतन सदस्य थे।