मन को आकर्षण, मोहित करने वाला 'हृदयग्राही' होता हैं। हितेच्छु का अर्थ हित की इच्छा करने वाला। हृदयग्राहि का अर्थ जो हृदय से ग्रहण करता है। हितैषी का अर्थ हित चाहने वाला।
पश्चिम और उत्तर के मध्य की दिशा को ‘वायव्य’ कहते हैं।
ईशान्य - उत्तर-पूर्व दिशाओं के मध्य की दिशा।
नेऋृत्य - दक्षिण-पश्चिम दिशाओं के मध्य की दिशा।
आग्नेय - दक्षिण-पूर्व दिशाओं के मध्य दिशा।