‘राम सीता से सुन्दर है।’ इस वाक्य में अपादान कारक है। अपादान कारक का प्रयोग कारक है। अपादान कारक का प्रयोग अलग होने के अतिरिक्त निकलने, सीखने, डरने, लजाने अथवा तुलना करने के भाव में भी किया जाता है।
“बच्चे बस से पाठशाला जाते हैं।” – इस वाक्य में करण कारक है। वाक्य में जिस शब्द से क्रिया के सम्बन्ध का बोध हो, उसे करण कारक कहते हैं। इसका चिह्न 'से', 'द्वारा' है।