महाजनपद अस्सक या अश्मक की राजधानी पोताली, पोटाना या पोडाना थी।
अश्मक महाजनपद गोदावरी नदी के तट पर स्थित था, जो अब महाराष्ट्र राज्य के बुलडाणा जिले के नंदूरी तहसील में निहित है और यह विश्व रेंज के दक्षिण में स्थित एकमात्र महाजनपद था।
उदयन-वासवदत्ता की दंतकथा में वत्सराज उदयन और उज्जैन की राजकुमारी वासवदत्ता के प्रणय कथा का वर्णन है जिसका संबंध कौशाम्बी से है।
एक जनश्रुति के अनुसार अवन्ति के राजा चण्डप्रद्योत की पुत्री वासवदत्ता वत्सराज उदयन के वीणा वादन पर इतनी मोहित हो गई कि वहां उनसे प्रेम करने लगी जिसके बाद भागकर वत्सराज उदयन से विवाह कर लिया।
उज्जैन का प्राचीन काल मे नाम अवंतिका था।
भारत के मध्य प्रदेश राज्य का एक प्रमुख शहर है जो शिप्रा नदी के किनारे पर बसा है।
यह एक अत्यंत प्राचीन शहर है।
यह विक्रमादित्य के राज्य की राजधानी थी।
इसे कालिदास की नगरी के नाम से जाना जाता था।
शाक्य और लिच्छवी प्रारंभिक गणतंत्र में था।
उत्तरी बिहार में लिच्छवी सबसे शक्तिशाली संघ था।
वैशाली लिच्छवी संग की राजधानी थी।
इसके शासक चेतक थे, महावीर की मां का नाम त्रिशला देवी था।
छठवीं शताब्दी ईसा पूर्व में प्राचीन भारत में सिरका के सिक्कों का सबसे पहली शुरुआत हुई थी।
उस समय में सिक्के को पैसे का सार्वभौमिक अवतार माना जाने लगा था।
सबसे पहले सिक्के चांदी के बने थे।
मगध की प्रारंभिक राजधानी राजगृह (गिरिव्रज) थी।
यह पटना, गया तथा शाहाबाद जिले (बिहार) तक फैला है।
इस की राजधानियां गिरीव्रज या राजगृह तत्पश्चात पाटलिपुत्र था।
काल्पी नगर यमुना नदी के तट पर स्थित है।
काल्पी उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में स्थित एक नगर है माना जाता है कि काल्पी प्राचीन काल में काला प्रिया नगरी के नाम से विख्यात थी।
इस क्षेत्र को शती के राजा वसुदेव ने बनाया था।
काल्पी नगर यमुना नदी के तट पर स्थित है।
काल्पी उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में स्थित एक नगर है माना जाता है कि काल्पी प्राचीन काल में काला प्रिया नगरी के नाम से विख्यात थी।
इस क्षेत्र को शती के राजा वसुदेव ने बनाया था।
शिशुनाग 412 ईसवी पूर्व गद्दी पर बैठे।
महावंश के अनुसार यह लिच्छवी श्री राजा के वेश्या पत्नी से उत्पन्न पुत्र था।
पुराणों के अनुसार वह छत्रिय था।
इसने सर्वप्रथम मगध के प्रबल प्रतिद्वंदी राज्य अवंती पर वहां के शासक अवंती वर्धन के विरुद्ध विजय प्राप्त की और उसे अपने साम्राज्य में सम्मिलित कर लिया।
छठवीं शताब्दी ईसा पूर्व में शुक्तिमती की राजधानी चेदि थी।
यह बुंदेलखंड क्षेत्र उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश तक फैला था।
इसकी राजधानी सोत्यिती या शुक्तिमती के नाम से प्रसिद्ध था।