जीवों में पोषण - 03

01. विकासवाद का सिद्धान्त किसने प्रतिपादित किया - 

  • 1

    वालेस ने 

  • 2

    स्पेन्सर ने 

  • 3

    डार्विन ने 

  • 4

    हक्सले ने 

02. विकास का मुख्य कारक है -

  • 1

    उत्परिवर्तन 

  • 2

    प्राकृतिक वरण 

  • 3

    लैंगिक जनन 

  • 4

    हासिल किये हुए गुण 

03. पैरीपैटस किनका संयोजक है -

  • 1

    सरीसृपों व स्तनियों 

  • 2

    मोलस्का व आर्थोपोडा 

  • 3

    ऐनेलिडा व आर्थोपोडा

  • 4

    चपटे कृमि व ऐनेलिडा 

04. आर्किओप्टेरिक्स किनका संयोजक था -

  • 1

    सरीसृपों व पक्षियों 

  • 2

    पक्षियों व स्तनियों 

  • 3

    उभयचरों व सरीसृपों 

  • 4

    सरीसृपों व स्तनियों 

05. जैव विकास के संदर्भ में, साँपों में अंगो का लोप होने को स्पष्ट किया जाता है -

  • 1

    अंगो का उपयोग तथा अनुपयोग किए जाने से 

  • 2

    बिलों में रहने के प्रति अनुकूलन से 

  • 3

    प्राकृतिक चयन से 

  • 4

    उपार्जित लक्षणों की वंशागति से 

06. जीवों में आनुवंशिक विभिन्नताओं का मूल स्त्रोत होता है -

  • 1

    हॉरमोन्स का प्रभाव 

  • 2

    प्राकृतिक चयन 

  • 3

    उत्परिवर्तन 

  • 4

    लैंगिक जनन

07. जीवन संघर्ष और योग्यतम की उत्तरजीविता का संबंध है -

  • 1

    लैमार्कवाद से 

  • 2

    ओपैरिनवाद से 

  • 3

    मेन्डलवाद से 

  • 4

    डार्विनवाद से 

08. प्राकृतिक चयन के बारे में हमारी आधुनिक समझ के अनुसार योग्यतम् सदस्य वे हैं -

  • 1

    जिनमें वातावरण के अनुसार अनुकूलन की सबसे अधिक क्षमता होती है

  • 2

    जिनमें विशिष्ट वातावरणीय दशाओं का सामना करने की अधिकतम क्षमता होती है

  • 3

    जो बहुत सी सन्तानें उत्पन्न करते हैं, परन्तु कुछ ही सन्तानें लैंगिक परिपक्वता तक जीवित रहती हैं 

  • 4जिनके वंशजों की संख्या अधिकतम होती है 

09. इनमें से किस समूह की सब रचनाएँ मानव में अवशेषी हैं -

  • 1वर्मीफॉर्म ऐपेन्डिक्स, शरीर के रोम, कॉक्लिया, ऑलीक्रेनन प्रवर्ध, कोक्सिक्स 
  • 2

    अकलदाढ, कोक्सिक्स, पैटेला, पैराथाइरॉइड,ठोडी 

  • 3

    देह रोम, कर्ण पेशियाँ, ऐटलस कशेरुका, कोक्सिक्स, कर्ण अस्थियाँ 

  • 4

    कोक्सिक्स, वर्मीफॉर्म ऐपेन्डिक्स, कर्ण पेशियाँ, निक्टिटेटिंग कला 

10. डार्विनवाद की सबसे बड़ी कमजोरी इनमें से किसकी व्याख्या की कमी थी - 

  • 1

    प्रचुर सन्तानोत्पत्ति 

  • 2

    विभिन्नताएँ 

  • 3

    योग्यतमं की उत्तरजीविता 

  • 4

    जीवन संघर्ष 

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