संस्कृत में बौध्य महाकाव्यों की रचना की सूत्रपात सर्वप्रथम महाकवि अश्वघोष ने ही किया था।
अतः महाकवि अश्वघोष संस्कृत के प्रथम बौद्ध कवि हैं।
चीनी अनुश्रुतियों द्वारा साहित्यिक परंपरा के अनुसार महाकवि अश्वघोष सम्राट कनिष्क के राजगुरु एवं राज कवि थे।
‘विक्रम संवत’ अत्यंत प्राचीन संवत है।
भारत में सांस्कृतिक इतिहास की दृष्टि से सर्वाधिक लोकप्रिय ‘राष्ट्रीय संवत’ विक्रम संवत ही है।
इसका आरंभकर्ता सम्राट चंद्रगुप्त विक्रमादित्य थे।
पुराणों के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को ब्रह्मा ने सृष्टि निर्माण किया था इसलिए इस पावन तिथि को नव सवत्सर पर्व के रूप में भी मनाया जाता है।
शक संवत भारत का प्राचीन संवत है जो 78 ईसवी से आरंभ होता है।
शक संवत भारत का राष्ट्रीय कैलेंडर है।
शक संवत विषय में बुदुवा का मत है कि इसे उज्जिनी के क्षत्रप चेष्टन ने प्रचलित किया।
शक राज्यों को चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने समाप्त कर दिया पर उनका स्मारक शक संवत अभी तक भारतवर्ष में चल रहा है।
गुप्त साम्राज्य का उदय तीसरी सदी के अंत में प्रयाग के निकट कौशांबी में हुआ।
गुप्त कुषाणों के सामंत थे।
इस वंश का आरंभिक राज्य उत्तर प्रदेश और बिहार में था।
गुप्त शासकों के लिए बिहार के अपेक्षा उत्तर प्रदेश अधिक महत्त्व वाला प्रान्त था क्योंकि आरंभिक अभिलेख मुख्यतः इसी राज्य में पाए गए हैं।
कुशान वंश के राजा कनिष्क के राज्य में तांबे व सोने के कुछ सिक्कों पर बुद्ध की तस्वीर अंकित हुई मिली है।
मौर्य साम्राज्य अशोक के पश्चात कनिष्क बौद्ध धर्म का प्रबल समर्थक सिद्ध हुआ।
इसे इंडो ग्रीक शैली (ग्रीक बुद्धिस्ट शैली) भी कहा जाता है।
इसका केंद्र गंधार था, अतः इसे गंधार कला शैली भी कहा जाता है।
इसमें बुद्ध एवं बोधिसत्वों की मूर्तियां काले स्लेटी पाषाण से बनाई गई हैं।
यह यूनानी देवता अपोलो की नकल प्रतीक होती है।
(60 से 37 ईसवी पूर्व) सातवाहनों की शक्ति को स्थापित करने वाला प्रथम राजा शिमुक था परंतु पुराणों के अनुसार उसी ने अंतिम रूप में शुंग-कण्व सत्ता को समाप्त किया परंतु इस बात के तो प्रमाण उपलब्ध नहीं है।
शिमुक ने मगध पर आक्रमण किया जहां कण्व सुशर्मन राज्य कर रहा था।
उस संभवतः विदिशा का क्षेत्र कण्वों से हस्तगत किया गया था।
सातवाहन प्राचीन भारत का एक राजवंश था।
इसने ईसा पूर्व 230 से लेकर दूसरी सदी तक केंद्रीय दक्षिण भारत पर राज किया।
यहां मौर्य वंश के पतन के बाद शक्तिशाली हुआ था।
इसका उल्लेख नवमी सदी ईसा पूर्व में मिलता है।
सातवाहनों ने सर्वप्रथम शीशे का सिक्का चलाने वाला प्रथम वंश था अमरावती और प्रतिष्ठान दोनों राजधानी थी।
सातवाहन सबसे पुराना वंश है प्रश्न के अनुसार
सातवाहन प्राचीन भारत का एक राजवंश था।
इसने ईसा पूर्व 230 से लेकर दूसरी सदी तक केंद्रीय दक्षिण भारत पर राज किया।
यहां मौर्य वंश के पतन के बाद शक्तिशाली हुआ था।
इसका उल्लेख नवमी सदी ईसा पूर्व में मिलता है।
सातवाहनों ने सर्वप्रथम शीशे का सिक्का चलाने वाला प्रथम वंश था अमरावती और प्रतिष्ठान दोनों राजधानी थी।