चित्रकूट जलप्रताप छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर जिले में इंद्रावती नदी पर स्थित है। इसकी ऊंचाई 90 फीट है। यह जलप्रताप वर्षा के दिनों में रक्त लालिमा लिए हुए होता है, तो गर्मियों की चांदनी रात में यह बिल्कु सफेद दिखाई देता है। यह जलप्रताप छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा, सबसे चौड़ा और सबसे ज्यादा जल की मात्रा प्रवाहित करने वाला जलप्रपात है। इस जलप्रपात को भारत का नियाग्रा भी कहा जाता है।
लोनार झील-महाराष्ट्र में, नक्की झील-राजस्थान में, कोलेरू झील-आंध्र प्रदेश में एवं पुलिकट झील-आंध्र प्रदेश एवं तमिलनाडु की सीमा पर अवस्थित है। अत: अभीष्ट विकल्प (C) होगा।
दिए गए विकल्पों में सोन नदी का जल ग्रहण क्षेत्र सर्वाधिक है।
महानंदा - 207.285 वर्ग किमी.
सोन - 70,055 वर्ग किमी.
रामगंगा - 30,811.48 वर्ग किमी.
गंडक - 45,731 वर्ग किमी.
उपर्युक्त तथ्य भारतीय जल संसाधन सूचना प्रणाली के आधार पर हैं।
मीठी नदी मुंबई स्थित विहार झील के अधिप्रवाह से उद्गमित होती है। 2 किमी. के प्रवाह के बाद इसमें पोवई झील का पानी भी अधिप्रवाह के चलते मिल जाता है। और यह कुल 18 किमी. की दूरी तय कर माहिम खाड़ी के पास अरब सागर में मिल जाती है।
कोसी नदी की सात धाराएं हैं जिनमें अरूणा प्रमुखहै। यह गोसाईंथान के उत्तर से निकलती है। कोसी अपनी भयंकर बाढ़ों तथा बार-बार मार्ग परिवर्तन करने के लिए विशेष रूप से जानी जाती है। इसी कारण इसे बिहार का शोक भी कहा जाता है।
महानदी पूर्वी भारत की नदी है जो छत्तीसगढ़ में सिहावा पहाड़ी से (धमतरी जिले से) निकलकर पूर्व की ओर बहती है। 858 किमी. लंबी यह नदी छत्तीसगढ़ एवं ओडिशा में प्रवाहित होती हुई पारादीप के पास बंगाल की खाड़ी में डेल्टा का निर्माण करती है।
भितरकनिका गरान ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले में ब्राह्माणी, वैतरणी और महानदी डेल्टा क्षेत्र में स्थित है। यह मैंग्रोव वनों के लिए प्रसिद्ध है। यह एक रामसर स्थल (वर्ष 2002 में घोषित) भी है।
उपर्युक्त नदियों में से तापी नदी भ्रंशघाटी से होकर प्रवाहित होती है। तापी नदी मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के मुल्ताई के निकट सतपुड़ा पहाड़ियों से निकलती है। यह नदी मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र एवं गुजरात से प्रवाहित होती हुई अरब सागर में मिल जाती है।