(A) - (i), - (B) - (ii), - (C) - (ii), - (D) - (iv)
(A) - (iii), - (B) - (i), - (C) - (iv), - (D) - (ii)
(A) - (iv), - (B) - (i), - (C) - (ii), - (D) - (iii)
(A) - (ii), - (B) - (iv), - (C) - (iii), - (D) - (i)
1, 2 और 4
2, 4 और 5
1, 2 और 5
1, 3 और 4
i, ii औैर iii
ii, iii और v
ii, iv और v
i, iv और v
सेट - 1 | सेट - 2 |
गैर श्रोता | अपेक्षित जानकारी के अलावा अन्य जानकारी में लिप्त होता है |
सीमांत श्रोता | संप्रेषण के संदर्भ में अर्थगर्भिता का प्रसंस्करण किये बिना ही जानकारी प्राप्त करता है |
मूल्यांकन श्रोता | निहितार्थ को समझने की प्रासंगिकता को परखता है |
सक्रिय श्रोता | सम्प्रेषित सूचना के प्रति यदा-कदा ही ध्यान देता है |
(iv) (iii) (ii) (i)
(iii) (iv) (i) (ii)
(ii) (i) (iii) (iv)
(i) (iv) (ii) (iii)
शाब्दिक संकेत कार्य का विरोधाभास
शाब्दिक संकेत कार्य का नियमन
प्रकार्य प्रतिस्थापन
प्रकार्य परिपूरक
प्रेषक संदेश को प्रसारित करता है
संदेश माध्यम में प्रवेश करता है
संदेश माध्यम से पृथक होता है
आदाता संदेश का अवबोध करता है।
आग्रहक सक्रिय हैं
विषयवस्तु का कोई महत्व नहीं है
विषयवस्तु में बहुलता का अभाव है
आग्राहक समरुपी है
भाषा --- सम्प्रेषण --- समाज --- सभ्यता
सम्प्रेषण --- समाज --- भाषा --- सभ्यता
सम्प्रेषण --- भाषा --- समाज --- सभ्यता
भाषा --- समाज --- सम्प्रेषण --- सभ्यता
iii iv ii i
i ii iii iv
iv iii i ii
ii i iv iii