भारत की सबसे बड़ी जनजाति भील जनजाति है।
भारत में कुल अनुसूचित जनजातियों की संख्या लगभग 705 है।
2011 के जनगणना के अनुसार इनकी संख्या लगभग 2 करोड़ 60 लाख थी।
यह जनजाति, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में फैली हुई है।
यह दक्षिण भारत में तेलंगाना व आंध्रप्रदेश की सबसे बड़ी जनजाति है।
यह केरल में भी पायी जाती है। इस जनजाति में अपनी मर्जी से वरवधु का चुनाव करने की आजादी है।
इस जनजाति में विधवा- विवाह को बुरा नहीं माना जाता है।
यह केवल शिकार पर निर्भर होते हैं कृषि से परिचित नहीं हैं।
भारत की सबसे बड़ी जनजाति भील जनजाति है।
भारत में कुल अनुसूचित जनजातियों की संख्या लगभग 705 है।
2011 के जनगणना के अनुसार इनकी संख्या लगभग 2 करोड़ 60 लाख थी।
यह जनजाति, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में फैली हुई है।
निम्न में से बड़ी जनजाति गोंड जनजाति है परन्तु भारत की सबसे बड़ी जनजाति भील जनजाति है।
गोंड मद्य प्रदेश की सबसे महत्वपूर्ण जनजाति है। यह जनजातियाँ कृषि करती है।
संथाल जनजाति झारखंड, बंगाल की प्रमुख जनजाति है।
यह प्रायः नाटे कद के होते हैं।
इनकी नाक चोंड़ी व चपटी होती है।
इनके समाज का मुख्य व्यक्ति सरदार होता है।
इनमें जादू टोना प्रसिद्ध है।
इनके विवाह को “बापला” कहा जाता है।
यह प्रोटो-ऑस्ट्रेलायट से सम्बंधित है।
संथाल जनजाति झारखंड, बंगाल की प्रमुख जनजाति है।
यह प्रायः नाटे कद के होते हैं। इनकी नाक चोंड़ी व चपटी होती है।
इनके समाज का मुख्य व्यक्ति सरदार होता है।
इनमें जादू टोना प्रसिद्ध है। इनके विवाह को “बापला” कहा जाता है। यह प्रोटो-ऑस्ट्रेलायट से सम्बंधित है।
संथाल जनजाति झारखंड, बंगाल की प्रमुख जनजाति है।
यह प्रायः नाटे कद के होते हैं। इनकी नाक चोंड़ी व चपटी होती है।
इनके समाज का मुख्य व्यक्ति सरदार होता है।
इनमें जादू टोना प्रसिद्ध है। इनके विवाह को “बापला” कहा जाता है। यह प्रोटो-ऑस्ट्रेलायट से सम्बंधित है।
गद्दी जनजाति हिमाचल प्रदेश की मूल जनजाति है। यह अपने आप को “गढ़वी” शासकों का वंसज बताते हैं।
इनका रंग गेंहुआ और ये नाटे कद के होते हैं। इनमें मंगोलॉयड के लक्षण होते हैं।