हजारी प्रसाद द्विवेदी
महावीर प्रसाद
नगेन्द्र सिंह
रामचन्द्र शुक्ल
केवल व्यक्तिगत एवं वास्तविक खातों की
समस्त खातों की
केवल वास्तविक एवं अवास्तविक खातों की
केवल व्यक्तिगत खातों की
पुस्तकों में कोई अशुद्धि नहीं
पुस्तकें गणितीय रुप में ठीकठाक लिखी गई हैं।
खाताबही में समस्त शेष इस से सम्मिलित हैं।
प्रत्येक व्यवहार का लेखा दो बार किया गया हैं।
उपार्जित आय
अग्रिम प्राप्त आय
1 और 2 दोनों
इनमें से कोई नहीं
सामान्य संचय
पूंजी संचय
गुप्त संचय
इनमें से कोई नहीं
नकद तथा उधार क्रय का
समस्त सम्पत्तियों का उधार क्रय का
सम्पत्ति का उधार क्रय का
केवल माल का उधार क्रय का
समस्त नकद बेचे गये माल का
समस्त खरीदे हुए माल का
समायोजित एवं सुधार प्रविष्टियों का
इन सभी का