UPSSSC VDO Previous Paper 2023 (1 Shift) 26.6.2023

02. अनुच्छेद को ध्यान से पढ़कर पूछे गए प्रश्न के उत्तर दीजिए - 
नहर अथवा नदी पर जल के प्रवाह को रोकने के लिए बाँध का उपयोग किया जा सकता है। बाँध लघु, मध्यम तथा बड़े आकार के हो सकते हैं। बड़े बाँधों का निर्माण करना अधिक जटिल होता है । इनके निर्माण में अत्यधिक शक्ति, समय तथा धन खर्च होता है । बाँध का निर्माण कंक्रीट, चट्टान, लकड़ी अथवा मिट्टी से भी किया जा सकता है। भाखड़ा बाँध, सरदार सरोवर, टिहरी बाँध इत्यादि बड़े बाँधों के उदाहरण हैं। एक बाँध के लिए अत्यावश्यक है कि इसमें इसके पीछे के पानी के भार को वहन करने की क्षमता हो ।
बाँध पर धकेले जाने वाली जल की मात्रा का जल-दाब जल की गहराई बढ़ने के साथ बढ़ता है । इसके
परिणामस्वरूप कई बाँधों का तल चौड़ा होता है, जिससे यह सतह के काफी नीचे के भाग में बहने वाले जल का भार वहन कर सके । वर्षों से बढ़ती जनसंख्या, औद्योगिकीकरण में वृद्धि तथा कृषि में विस्तार होने से जल की माँग बढ़ती जा रही है। अतएव जल संरक्षण आज की आवश्यकता बन गई  है। वर्षा जल संचयन मुख्यत: भवनों की छतों पर इकट्ठे किए जल को भूमि में संरक्षित करके आगे काम में लेने की प्रक्रिया
है। इसके लिए यह अत्यावश्यक है कि भू-जल की गिरावट को रोका जाए तथा भू-जल स्तर में सुधार किया जाए। साथ ही समुद्र के जल का अंतर्गमन अर्थात समुद्री जल को भूमि की तरफ आने से रोका जाए और वर्षा के मौसम में अधिकतम जल का संरक्षण किया जाए। जल संचयन वह है जिसमें ................... (सही कथन से वाक्य पूरा करो ।)

  • 1

    जल को पानी की टंकियों एवं बड़े बर्तनों में भरकर भविष्य के लिए रखा जाता है ।

  • 2

    वर्षा जल भवनों की छतों पर इकट्ठा किया जाता है।

  • 3

    वर्षा जल को मुख्यतः भवनों की छतों पर इकट्ठा करके भूमि में संरक्षित करके आगे काम में लिया जाता है ।

  • 4

    वर्षा जल को आगे काम में न लेने की प्रक्रिया होती है।

03. अनुच्छेद को ध्यान से पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए - 
नहर अथवा नदी पर जल के प्रवाह को रोकने के लिए बाँध का उपयोग किया जा सकता है। बाँध लघु, मध्यम तथा बड़े आकार के हो सकते हैं। बड़े बाँधों का निर्माण करना अधिक जटिल होता है । इनके निर्माण में अत्यधिक शक्ति, समय तथा धन खर्च होता है । बाँध का निर्माण कंक्रीट, चट्टान, लकड़ी अथवा मिट्टी से भी किया जा सकता है। भाखड़ा बाँध, सरदार सरोवर, टिहरी बाँध इत्यादि बड़े बाँधों के उदाहरण हैं। एक बाँध के लिए अत्यावश्यक है कि इसमें इसके पीछे के पानी के भार को वहन करने की क्षमता हो ।
बाँध पर धकेले जाने वाली जल की मात्रा का जल-दाब जल की गहराई बढ़ने के साथ बढ़ता है । इसके
परिणामस्वरूप कई बाँधों का तल चौड़ा होता है, जिससे यह सतह के काफी नीचे के भाग में बहने वाले जल का भार वहन कर सके । वर्षों से बढ़ती जनसंख्या, औद्योगिकीकरण में वृद्धि तथा कृषि में विस्तार होने से जल की माँग बढ़ती जा रही है। अतएव जल संरक्षण आज की आवश्यकता बन गई  है। वर्षा जल संचयन मुख्यत: भवनों की छतों पर इकट्ठे किए जल को भूमि में संरक्षित करके आगे काम में लेने की प्रक्रिया
है। इसके लिए यह अत्यावश्यक है कि भू-जल की गिरावट को रोका जाए तथा भू-जल स्तर में सुधार किया जाए। साथ ही समुद्र के जल का अंतर्गमन अर्थात समुद्री जल को भूमि की तरफ आने से रोका जाए और वर्षा के मौसम में अधिकतम जल का संरक्षण किया जाए। जल की माँग क्यों बढ़ती जा रही है -

  • 1

    वर्षों से बढ़ती जनसंख्या, तापमान में वृद्धि वनों में वृद्धि के कारण

  • 2

    वर्षों से बढ़ती जनसंख्या, प्रदूषण में वृद्धि तथा कृषि में विस्तार होने से

  • 3

    औद्योगिकीकरण में वृद्धि, वर्षों से बढ़तीजनसंख्या तथा कृषि में विस्तार होने से

  • 4

    कृषि में ह्रास, औद्योगिक में वृद्धि तथा पर्यावरण में बदलाव के कारण

04. अनुच्छेद को ध्यान से पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए - 
नहर अथवा नदी पर जल के प्रवाह को रोकने के लिए बाँध का उपयोग किया जा सकता है। बाँध लघु, मध्यम तथा बड़े आकार के हो सकते हैं। बड़े बाँधों का निर्माण करना अधिक जटिल होता है । इनके निर्माण में अत्यधिक शक्ति, समय तथा धन खर्च होता है । बाँध का निर्माण कंक्रीट, चट्टान, लकड़ी अथवा मिट्टी से भी किया जा सकता है। भाखड़ा बाँध, सरदार सरोवर, टिहरी बाँध इत्यादि बड़े बाँधों के उदाहरण हैं। एक बाँध के लिए अत्यावश्यक है कि इसमें इसके पीछे के पानी के भार को वहन करने की क्षमता हो ।
बाँध पर धकेले जाने वाली जल की मात्रा का जल-दाब जल की गहराई बढ़ने के साथ बढ़ता है । इसके
परिणामस्वरूप कई बाँधों का तल चौड़ा होता है, जिससे यह सतह के काफी नीचे के भाग में बहने वाले जल का भार वहन कर सके । वर्षों से बढ़ती जनसंख्या, औद्योगिकीकरण में वृद्धि तथा कृषि में विस्तार होने से जल की माँग बढ़ती जा रही है। अतएव जल संरक्षण आज की आवश्यकता बन गई  है। वर्षा जल संचयन मुख्यत: भवनों की छतों पर इकट्ठे किए जल को भूमि में संरक्षित करके आगे काम में लेने की प्रक्रिया
है। इसके लिए यह अत्यावश्यक है कि भू-जल की गिरावट को रोका जाए तथा भू-जल स्तर में सुधार किया जाए। साथ ही समुद्र के जल का अंतर्गमन अर्थात समुद्री जल को भूमि की तरफ आने से रोका जाए और वर्षा के मौसम में अधिकतम जल का संरक्षण किया जाए। बाँध का निर्माण ............... किया जा सकता है। (वाक्य पूरा कीजिए ।)

  • 1

    केवल लकड़ी अथवा मिट्टी से

  • 2

    केवल कंक्रीट द्वारा

  • 3

    चट्टान, लकड़ी अथवा मिट्टी से ही

  • 4

    कंक्रीट, चट्टान, लकड़ी अथवा मिट्टी से भी

05. अनुच्छेद को ध्यान से पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए - 
नहर अथवा नदी पर जल के प्रवाह को रोकने के लिए बाँध का उपयोग किया जा सकता है। बाँध लघु, मध्यम तथा बड़े आकार के हो सकते हैं। बड़े बाँधों का निर्माण करना अधिक जटिल होता है । इनके निर्माण में अत्यधिक शक्ति, समय तथा धन खर्च होता है । बाँध का निर्माण कंक्रीट, चट्टान, लकड़ी अथवा मिट्टी से भी किया जा सकता है। भाखड़ा बाँध, सरदार सरोवर, टिहरी बाँध इत्यादि बड़े बाँधों के उदाहरण हैं। एक बाँध के लिए अत्यावश्यक है कि इसमें इसके पीछे के पानी के भार को वहन करने की क्षमता हो ।
बाँध पर धकेले जाने वाली जल की मात्रा का जल-दाब जल की गहराई बढ़ने के साथ बढ़ता है । इसके
परिणामस्वरूप कई बाँधों का तल चौड़ा होता है, जिससे यह सतह के काफी नीचे के भाग में बहने वाले जल का भार वहन कर सके । वर्षों से बढ़ती जनसंख्या, औद्योगिकीकरण में वृद्धि तथा कृषि में विस्तार होने से जल की माँग बढ़ती जा रही है। अतएव जल संरक्षण आज की आवश्यकता बन गई  है। वर्षा जल संचयन मुख्यत: भवनों की छतों पर इकट्ठे किए जल को भूमि में संरक्षित करके आगे काम में लेने की प्रक्रिया
है। इसके लिए यह अत्यावश्यक है कि भू-जल की गिरावट को रोका जाए तथा भू-जल स्तर में सुधार किया जाए। साथ ही समुद्र के जल का अंतर्गमन अर्थात समुद्री जल को भूमि की तरफ आने से रोका जाए और वर्षा के मौसम में अधिकतम जल का संरक्षण किया जाए। 'जल सरक्षण’ का सही समास-विग्रह और समास का नाम है ........... -

  • 1

    संरक्षण का जल - अव्ययीभाव समास

  • 2

    जल के लिए संरक्षण - कर्मधारय समास

  • 3

    जल का संरक्षण - तत्पुरुष समास

  • 4

    संरक्षण किया जल है जिसका - बहुव्रीहि समास

06. अनुच्छेद को ध्यान से पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए - 
नहर अथवा नदी पर जल के प्रवाह को रोकने के लिए बाँध का उपयोग किया जा सकता है। बाँध लघु, मध्यम तथा बड़े आकार के हो सकते हैं। बड़े बाँधों का निर्माण करना अधिक जटिल होता है । इनके निर्माण में अत्यधिक शक्ति, समय तथा धन खर्च होता है । बाँध का निर्माण कंक्रीट, चट्टान, लकड़ी अथवा मिट्टी से भी किया जा सकता है। भाखड़ा बाँध, सरदार सरोवर, टिहरी बाँध इत्यादि बड़े बाँधों के उदाहरण हैं। एक बाँध के लिए अत्यावश्यक है कि इसमें इसके पीछे के पानी के भार को वहन करने की क्षमता हो ।
बाँध पर धकेले जाने वाली जल की मात्रा का जल-दाब जल की गहराई बढ़ने के साथ बढ़ता है । इसके
परिणामस्वरूप कई बाँधों का तल चौड़ा होता है, जिससे यह सतह के काफी नीचे के भाग में बहने वाले जल का भार वहन कर सके । वर्षों से बढ़ती जनसंख्या, औद्योगिकीकरण में वृद्धि तथा कृषि में विस्तार होने से जल की माँग बढ़ती जा रही है। अतएव जल संरक्षण आज की आवश्यकता बन गई  है। वर्षा जल संचयन मुख्यत: भवनों की छतों पर इकट्ठे किए जल को भूमि में संरक्षित करके आगे काम में लेने की प्रक्रिया
है। इसके लिए यह अत्यावश्यक है कि भू-जल की गिरावट को रोका जाए तथा भू-जल स्तर में सुधार किया जाए। साथ ही समुद्र के जल का अंतर्गमन अर्थात समुद्री जल को भूमि की तरफ आने से रोका जाए और वर्षा के मौसम में अधिकतम जल का संरक्षण किया जाए। बड़े बाँधों का निर्माण करना अधिक जटिल क्यों होता है -

  • 1

    जनता के लिए हानिकारक होने के कारण

  • 2

    अत्यधिक शक्ति, समय तथा धन खर्च होने के कारण

  • 3

    कम जरूरत होने के कारण

  • 4

    व्यर्थ के खर्चों और शक्तियों के दुरुपयोग के कारण

09. श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द-युग्म 'लक्ष्य' और 'लक्ष' का उचित अर्थ है -

  • 1

    देखने योग्य – संपत्ति

  • 2

    लाख – उद्देश्य

  • 3

    उद्देश्य – लाख (गिनती)

  • 4

    तीर – रुपया

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