रुक्ष x स्निग्ध
वरदान x अभिशाप
समास x व्यास
सधवा x निर्धवा
मोर नाच रहा है।
माँ नौकरानी से बर्तन धुलवाती है।
मैं कपड़े धो कर खेलने गया।
उसने मेरी सारी संपत्ति हथिया ली।
शिकारी ने खरगोश को मारा ।
वह कुल्हाड़ी से वृक्ष काटता है।
माँ ने बच्चों को बुलाया।
छत से उतरी हुई लता मुरझा गई है।
ज्ञानू रोया।
ज्ञानू रो रहा था।
ज्ञानू सो गया था।
ज्ञानू एक घण्टे से सो रहा है।
कबीरदास
तुलसीदास
रहीम
दादूदयाल
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