भक्ति एवं सूफी आंदोलन

About Chapter

भक्ति एवं सूफी आंदोलन

भक्ति आंदोलन का प्रारंभ किया गया था - आलवार संतो द्वारा        U.P.U.D.A./L.D.A. (Pre) 2001

  • भक्ति आंदोलन का उदय सर्वप्रथम द्रविड़ देश में हुआ तथा वहाँ से उसका प्रचार उत्तर में किया गया।
  • भागवत पुराण में कहा गया है कि भक्ति द्रविड़ देश में जन्मी, कर्नाटक में विकसित हुई तथा कुछ काल तक महाराष्ट्र में रहने के बाद गुजरात में पहुँच कर जीर्ण हो गई।
  • भक्ति आंदोलन का सूत्रपात दक्षिण में 8 वीं सदी में महान दार्शनिक शंकराचार्य के उदय के साथ हुआ था, जिन्होंने विशुद्ध अद्वैतवाद का प्रचार किया।
  • भक्ति आंदोलन को दक्षिण के वैष्णव आलवार संतो और शैव नयनार संतो ने प्रसारित किया था।

बुद्ध और मीराबाई के जीवन दर्शन में मुख्य साम्य था - संसार दुःख पूर्ण है        R.A.S./R.T.S. (Pre) 1992

  • बुद्ध और मीराबाई के जीवन दर्शन में मुख्य साम्य यह था कि दोनों ने संसार को दुःखपूर्ण माना।
  • दुःख बौद्ध धर्म के चार आर्य सत्यों में प्रथम है।

भक्ति संस्कृति का भारत में पुर्नजन्म हुआ - 15 वीं और 16 वीं शताब्दी ई. में        U.P.P.C.S. (Pre) 1993

  • भक्ति आंदोलन का इतिहास महान धर्म सुधारक शंकराचार्य के समय से प्रांरभ होता है, जिन्होंने बौद्ध धर्म के प्रभाव को समाप्त करने के लिए आठवीं शताब्दी में अद्वैतवादी दर्शन का प्रतिपादन किया था।
  • भक्ति आंदोलन का पुर्नजन्म 15 वीं - 16वी सदी ई. में हुआ, जब इसके नेतृत्व की बागडोर कबीर, नानक, तुलसी, सूर एवं मीराबाई ने संभाली।

कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति से उसका धर्म संप्रदाय या जाति न पूछे। यह कथन है - रामानंद का        U.P.P.C.S. (Pre) 2009        

  • यह कथन संत रामानंद जी का है।
  • इनके शिष्यों में सभी जाति एवं संप्रदाय के लोग शामिल थे।

कामरुप में वैष्णव धर्म को लोकप्रिय बनाया - शंकरदेव ने        U.P.P.C.S. (Mains) 2002

  • कामरुप जो असम राज्य में स्थित है, वहाँ पर वैष्णव धर्म को लोकप्रिय बनाने का कार्य शंकरदेव ने किया था।
  • एकेश्वरवाद उनके धर्म का मूल उद्देश्य था।
  • वे विष्णु या उनके अवतार कृष्ण को अपना अभीष्ट मानते थे।
  • उन्होंने एकशरण संप्रदाय की स्थापना की।
  • वे कर्मकांड एवं मूर्तिपूजा दोनों के विरोधी थे।
  • वे असम के चैतन्य के रुप में प्रसिद्ध थे।

असम एवं कूच बिहार में वैष्णव धर्म का प्रवर्तन किसने किया - शंकरदेव        U.P.P.C.S. (Mains) 2011        

  • असम एवं कूच बिहार में वैष्णव धर्म का प्रवर्तन शंकरदेव ने किया था।

सुप्रसिद्ध मध्यकालीन संत शंकरदेव संबंधित थे - वैष्णव संप्रदाय से        U.P.P.C.S. (Pre) 2015

  • मध्यकालीन संत शंकरदेव वैष्णव संप्रदाय से संबंधित थे।

रामानुजाचार्य किससे संबंधित है - विशिष्टाद्वैत        U.P.P.C.S. (Pre) 1991

  • वैष्णव आचार्य रामानुज भक्ति आंदोलन के प्राचीनतम प्रचारक थे, इन्होंने सगुण ईश्वर की उपासना पर बल दिया।
  • उनका मत विशिष्टाद्वैत कहा जाता है।
  • जिसका अर्थ है - ब्रह्म अर्थात ईश्वर अद्वैत होते हुए भी जीव तथा जगत की शक्तियों द्वारा विशिष्ट है।

शुद्ध अद्वैतवाद का प्रतिपादन किया था - बल्लभाचार्य        U.P.D.A./L.D.A. (Pre) 2002

  • श्री बल्लभाचार्य, सोमयाजी कुल के तैलंग ब्राह्मण श्री लक्ष्मणभट्ट के पुत्र थे।
  • परंपरानुसार इन्होंने रुद्र संप्रदाय के प्रवर्तक विष्णुस्वामी के मत का अनुसरण तथा विकास करके अपना शुद्धाद्वैत मत (शुद्ध अद्वैतवाद) या पुष्टिमार्ग प्रतिष्ठित किया।
  • ये अग्नि के अवतार माने जाते हैं।
  • इनके जीवन का अधिकांश समय काशी, अरैल (प्रयाग) एवं वृंदावन में व्यतीत हुआ।

महाप्रभु बल्लभाचार्य की जन्मस्थली कहाँ है - चम्पारण        P.C.S. (Pre) 2015

  • भक्तिकालीन सगुणधारा की कृष्ण भक्ति शाखा के आधार स्तंभ एवं पुष्टिमार्ग के प्रणेता श्री बल्लभाचार्य का जन्म विक्रम संवत 1535, वैशाख कृष्ण एकादशी को दक्षिण भारत के कांकरवाड ग्रामवासी तैलंग ब्राह्मण श्री लक्ष्मण भट्ट जी की पत्नी इलम्मागारु के गर्भ से वर्तमान छत्तीसगढ़ राज्य के रायपुर के निकट चम्पारण्य में हुआ।
  • उन्हें वैश्वानरावतार (अग्नि का अवतार) कहा गया है।
  • बल्लभाचार्य जी द्वारा रचित महत्वपूर्ण ग्रंथ - ब्रह्मसूत्र का अणु भाष्य और वृहद भाष्य भागवत की सुबोधिनी टीका, भागवत तत्वदीप निबंध, पूर्व मीमांसा भाष्य, गायत्री भाष्य पत्रावलंवन, दशम स्कंध अनुक्रमणिका, त्रिविध नामावली आदि।

बीजक का रचयिता कौन है - कबीर        M.P.P.C.S. (Pre) 2000        

  • कबीरपंथी संप्रदाय के अनुयायियों का मुख्य धार्मिक ग्रंथ सुप्रसिद्ध बीजक है जो कि कबीर के दोहों का संकलन है।

किस भक्ति संत ने अपने संदेश के प्रचार के लिए सबसे पहले हिंदी का प्रयोग किया - रामानंद        I.A.S. (Pre) 2002

  • उत्तर भारत में रामानंद भक्ति आंदोलन के प्रथम प्रवर्तक थे, जिनका जन्म 1299 ई. में प्रयाग के कान्यकुब्ज ब्राह्मण परिवार में हुआ था।
  • प्रयाग तथा वाराणसी में उन्होंने शिक्षा प्राप्त की थी।
  • ये सगुण ईश्वर में विश्वास करते थे।
  • इन्होंने भक्ति को मोक्ष का एकमात्र साधन स्वीकार करते हुए राम-सीता की उपासना का आदर्श समाज के सामने रखा।
  • इन्होंने सर्वप्रथम अपने संदेश का प्रचार हिंदी भाषा में किया।

कबीर शिष्य थे - रामानंद के        U.P. Lower Sub. (Pre) 2002

  • कबीर रामानंद के 12 शिष्यों में से प्रमुख थे।
  • लोक परंपरा के अनुसार उनका जन्म किसी विधवा ब्राह्मणी के गर्भ से वाराणसी के समीप हुआ था तथा पालन - पोषण एक जुलाहा दम्पत्ति नीरु और नीमा ने किया था।

मध्यकालीन भारत के किस संत का जन्म प्रयाग में हुआ था - रामानंद का        U.P.P.C.S. (Mains) 2010        

  • रामानंद का जन्म प्रयाग (इलाहाबाद) में हुआ था।
  • रामानंद उत्तर भारत के पहले महान भक्त संत थे।
  • रामानंद ने दक्षिण और उत्तर भारत के भक्ति आंदोलन के बीच सेतु का काम किया।
  • रैदास का जन्म वाराणसी में, तुलसीदास का जन्म चित्रकूट में तथा कुम्भनदास का जन्म ब्रजभूमि (मथुरा के आस - पास) में हुआ था।

कबीर एवं धरमदास के मध्य संवादों के संकलन का शीर्षक है - अमरमूल        U.P.P.C.S. (Pre) 2003/ U.P.D.A./L.D.A. (Pre) 2002

  • सबद, साखी एवं रमैनी, कबीर की रचनाएं है परंतु धरमदास के साथ उनके संवादों का संकलन अमरमूल शीर्षक के अंतर्गत प्राप्त होता है।

मूलकदास एक संत कवि थे - कड़ा के        U.P.P.C.S. (Spl) (Mains) 2003        

  • संत मूलकदास का जन्म लाला सुंदरदास खत्री के घर में 1631 ई. में कड़ा (वर्तमान कौशाम्बी जिला) में हुआ था।

संत घासीदास के पिताजी का क्या नाम था - महंगू        P.C.S. (Pre) 2005

  • गुरु घासीदास का जन्म दिसंबर 1756 में रायपुर जिले के गिरौदपुरी गांव में हुआ था।
  • उनके पिता महंगूदास और माता अमरौतीन बाई थीं।

भगवान शिव की प्रतिष्ठा में कितने ज्योतिर्लिंग स्थापित है - 12        P.C.S. (Pre) 2012        

  • भगवान शिव की प्रतिष्ठा में भारत के विभिन्न भागों में 12 ज्योर्तिर्लिगों की स्थापना की गई है।
  • (1) केदारनाथ    (2) विश्वनाथ    (3) वैद्यनाथ    (4) महाकालेश्वर    (5) ओंकारेश्वर    (6) नागेश्वर    (7) सोमनाथ    (8) त्रयंबकेश्वर    (9) घ्रिशनेश्वर    (10) भीमशंकर    (11) मल्लिकार्जुनस्वामी    (12) रामेश्वरम

रामानुज के अनुयायियों को कहा जाता है - वैष्णव         U.P.P.C.S. (Pre) 1999       

  • भक्ति आंदोलन के प्रचारक प्रसिद्ध वैष्णव आचार्य रामानुज ने सगुण ईश्वर की उपासना पर बल दिया।
  • उनका मत विशिष्टाद्वैत कहा जाता है।
  • उनके अनुयायी वैष्णव कहलाए।

गुरु नानक का जन्म स्थल कौन सा स्थान है - ननकाना         U.P.P.C.S. (Mains) 2007

  • ननकाना गुरु नानक का जन्म स्थल था जिसे तलवंड़ी के नाम से भी जाना जाता है।
  • इस स्थान पर इनका जन्म 15 अप्रैल, 1469 को हुआ था।
  • यह पश्चिमी पंजाब (पाकिस्तान) के शेखपुरा जिले में स्थित है।
  • गुरु नानक की मृत्यु 1539 ई. में डेराबाबा नामक स्थान पर हुई थी।

जिसके शासन में गुरु नानक देव ने सिक्ख धर्म की स्थापना की, वह कौन था - सिंकदर लोदी         U.P.P.C.S. (Spl) (Pre) 2003

  • गुरु नानक (1469 - 1538) ने सिक्ख धर्म की स्थापना सिंकदर लोदी (1489 - 1517) के समय में की थी।
  • नानक एकेश्वरवाद में विश्वास करते थे तथा निर्गुण ब्रह्म की उपासना पर बल देते थे।
  • उनका मानना था कि ईश्वर एक है, वह निर्गुण और निरंकार है।
  • वह अवतारवाद में विश्वास नहीं करते थे।

ईश्वर केवल मनुष्य के सद्गुण को पहचानता है तथा उसकी जाति नहीं पूछता आगामी दुनिया में कोई जाति नहीं होगी। यह सिंद्धात किस भक्ति संत का है - नानक        R.A.S./R.T.S.  (Pre) 2010

  • गुरु नानक का कहना है, ईश्वर व्यक्ति के गुणों को जानता है, पर वह उसकी जाति के बारे में नहीं पूछता क्यों कि दूसरे लोक में कोई जाति नहीं है। गुरु नानक ने गुरु का लंगर नाम से मुफ्त सामुदायिक रसोई की शुरुआत की।
  • उनके अनुयायी किसी की भी जाति पर ध्यान दिए बिना एक साथ भोजन करते थे।

मीराबाई समकालीन थी - तुलसीदास के         U.P.P.C.S. (Pre) 1995

  • मीराबाई मेड़ता के रतन सिंह राठौर की इकलौती पुत्री थी।
  • इनका जन्म 1498 ई. में मेड़ता के कुद की नामक ग्राम में हुआ था।
  • इनका विवाह उदयपुर के प्रसिद्ध शासक राणा सांगा के ज्येष्ठ पुत्र युवराज भोजराज से हुआ था।
  • लेकिन विवाह के कुछ ही वर्षो बाद राजकुमार भोजराज का परलोकवास हो गया।
  • पति की मृत्यु के बाद उन्होंने अपना पूरा जीवन कृष्ण की भक्ति में अर्पित कर दिया।
  • ये महाकवि तुलसीदास की समकालीन थीं तथा उनसे पत्र-व्यवहार भी करती थीं।

राग - गोविंद के रचनाकार है - मीराबाई         U.P.P.C.S. (Pre) 2014

  • मीराबाई हिंदू आध्यत्मिक कवयित्रि थीं, जिनके भगवान श्री कृष्ण के प्रति समर्पित भजन उत्तर भारत में लोकप्रिय हैं।
  • इन्होंने चार ग्रंथों की रचना की थी।
  • (1) बरसी का मायरा    (2) गीत गोविंद टीका    (3) राग गोविंद    (4) राग सोरठ
  • इसके अतिरिक्त उनके गीतों का संकलन मीराबाई की पदावली नामक ग्रंथ में किया गया है।

तुलसीदास किसके समकालीन थे - अकबर तथा जहाँगीर         U.P.P.C.S. (Pre) Spl. 2004

  • सुप्रसिद्ध भक्त / संत कवि गोस्वामी तुलसीदास अकबर तथा जहाँगीर के समकालीन थे।
  • तुलसीदास ने लगभग 25 ग्रंथ लिखे जिनमें रामचरितमानस तथा विनय पत्रिका सर्वोत्तम है।
  • तुलसीदास का दरबार से कोई संबंध नहीं था।
  • उन्होंने अपना अधिकांश जीवन बनारस में ही बिताया।
  • अबुल फजल ने आइन - ए - अकबरी में इनका नामोल्लेख किया है।

रामचरित मानस नामक ग्रंथ के रचयिता थे - तुलसीदास        U.D.A./L.D.A. (Pre) 2007

  • रामचरित मानस की रचना गोस्वामी तुलसीदास (1532 - 1623) ने अवधी भाषा में की थी।

भक्त तुकाराम कौन से मुगल सम्राट के समकालीन थे - जहांगीर        I.A.S. (Pre) 2006

  • तुकाराम का काल 1608 से 1649 के मध्य माना जाता है।

भारत में चिश्तिया संप्रदाय का प्रथम सूफी संत था - शेख मुइनुद्दीन चिश्ती         U.P.P.C.S. (Pre) 2002

  • भारत में सर्वप्रथम इसका प्रचार ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती के द्वारा हुआ था।
  • वे 1192 ई. में मुहम्मद गोरी की सेना के साथ भारत आए थे।
  • उन्होंने अजमेर में अपना निवास स्थान बनाया।
  • 1236 ई. में इनकी मृत्यु हो गई।
  • कुतुबुद्दीन काकी इनके प्रमुख शिष्य थे।

कौन सूफीवाद की चिश्तिया शाखा का संस्थापक था - ख्वाजा अबु - अब्दाल         U.P.P.C.S. (R.I.) 2014

  • चिश्तिया सूफी मत की स्थापना अफगानिस्तान के चिश्त में अबू इस्हाक सामी और उनके शिष्य ख्वाजा अबू अब्दाल चिश्ति ने की थी।

ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती किसके शिष्य थे - ख्वाजा उस्मान हरुनी         U.P.P.C.S. (Pre) 2014

  • ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ति का जन्म अफगानिस्तान के दक्षिणी प्रांत साजिस्तान में 1142 ई. में हुआ था।
  • बाद में अपने माता - पिता के साथ वे खुरासान प्रांत में बस गए।
  • निशापुर के हारोन में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती, ख्वाजा उस्मान चिश्ती हरुनी के शिष्य बने।

शेख निजामुद्दीन औलिया शिष्य थे - बाबा फरीद         U.P.P.C.S. (Pre) 2006

शेख निजामुद्दीन औलिया की दरगाह स्थित है - दिल्ली में         U.P.P.C.S. (GIC) 2010

  • 1325 ई. में निजामुद्दीन औलिया की मृत्यु हुई।
  • उन्हें गियासपुर (दिल्ली) में दफनाया गया था।

किसे भारत का सादी कहा गया है - अमीर हसन         U.P.P.C.S. (Mains) 2013

  • अमीर हसन - ए - देहलवी को उसकी उच्च गजलों के कारण उसे भारत का सादी कहा गया है।

कौन सूफी संत महबूब - ए - इलाही कहलाता था - शेख निजामुद्दीन औलिया         U.P.P.C.S. (Pre) 2014

  • शेख फरीद के शिष्य शेख निजामुद्दीन औलिया ने दिल्ली के सात सुल्तानों का शासन देखा।
  • निजामुद्दीन औलिया को महबूब - ए - इलाही (ईश्वर का प्रिय) और सुल्तान - उल - औलिया (संतों का राजा) भी कहा जाता है।

किस सूफी संत के विचारों को सिखों के धर्म ग्रंथ आदि ग्रंथ में संकलित किया गया है - फरीदुद्दीन - गंज - ए - शकर         U.P.P.C.S. (Pre) 1994

  • शेख फरीदुद्दीन - गंज - ए - शकर चिश्ती सिलसिले के सूफी संत थे, जो बाबा फरीद के नाम से प्रसिद्ध थे।
  • इन्हीं के प्रयत्नों के फलस्वरुप चिश्तिया सिलसिले को भारत में लोकप्रियता मिली।
  • इनका सबसे महत्वपूर्ण योगदान वे रचनाएं हैं जो गुरु ग्रंथ साहिब में संकलित है।
  • ये बलबन के दामाद थे।
  • उन्होंने हांसी और अजोधन को अपने क्रियाकलापों का केंद्र बनाया था।

किसे शेख - उल - हिंद की पदवी प्रदान की गई थी - शेख सलीम चिश्ती        U.P. Lower Sub. (Pre) 2004/U.P. Lower Sub. (Pre) 2008

  • कहा जाता है कि जहांगीर का जन्म शेख सलीम चिश्ती के आशीर्वाद से हुआ था।

कृष्ण जीवनपरक प्रेम वाटिका काव्य की रचना की थी - रसखान ने        I.A.S. (Pre) 1996

  • प्रेम वाटिका काव्यग्रंथ की रचना रसखान ने की थी।
  • इसमें इन्होंने कृष्ण के जीवन को पंक्तिबद्ध किया है।
  • सुजान रसखान भी इनकी प्रसिद्ध रचना है।
  • रसखान की भाषा विशुद्ध ब्रजभाषा है।

बारहमासा की रचना किसने की थी - मलिक मोहम्मद जायसी        B.P.S.C. (Pre) 1994

  • बारहमासा की रचना मलिक मोहम्मद जायसी ने की।
  • जायसी की पदमावत, अखरावट तथा आखिरी कलाम में से पदमावत का हिंदी साहित्य में महत्वपूर्ण स्थान है।
  • बारहमासा, पदमावत का ही एक भाग है।

क्राइस्ट का जन्म स्थान - बेथलेहम        M.P.P.C.S. (Pre) 1995

  • ईसा मसीह (जीसस क्राइस्ट) का जन्म 4 ई.पू. में यहूदिया प्रांत के बेथलेहम नामक नगर में हुआ था।

ईसाइयों का गुडफ्राइडें क्यो मनाया जाता है - ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था        U.P.P.C.S. (Pre) 1990

  • गुडफ्राइडे ईसा मसीह के शहीदी दिवस के रुप में ईसाइयों द्वारा मनाया जाता है।
  • बाइबिल के अनुसार ईसा मसीह को शुक्रवार के दिन ही फांसी दी गई थी।
Show less

Exam List

भक्ति एवं सूफी आंदोलन - 01
  • Question 20
  • Min. marks(Percent) 50
  • Time 20
  • language Hin & Eng.
भक्ति एवं सूफी आंदोलन - 02
  • Question 20
  • Min. marks(Percent) 50
  • Time 20
  • language Hin & Eng.
भक्ति एवं सूफी आंदोलन - 03
  • Question 20
  • Min. marks(Percent) 50
  • Time 20
  • language Hin & Eng.
भक्ति एवं सूफी आंदोलन - 04
  • Question 20
  • Min. marks(Percent) 50
  • Time 20
  • language Hin & Eng.
Special Quiz
  • Question 20
  • Min. marks(Percent) 50
  • Time 20
  • language Hin & Eng.
सूफीवाद एवं भक्ति आंदोलन से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न
  • Question 51
  • Min. marks(Percent) 50
  • Time 50
  • language Hin & Eng.
Test
Classes
E-Book