विकास की अवस्थाएं

01. बाल्यावस्था की अवधि में विकास -

  • 1

    धीमी गति से होता है एवं उसे मापा नहीं जा सकता।

  • 2

    बहुस्तरीय और मिश्रित होता है।

  • 3

    में केवल परिमाणात्मक परिवर्तन होते हैं।

  • 4

    अनियमित और असंबद्ध होता है।

02. मां-बाप के साये से बाहर निकल अपने साथी बालकों की संगत को पसंद करना संबंधित है -

  • 1

    किशोरावस्था से

  • 2

    पूर्व बाल्यावस्था से

  • 3

    उत्तर बाल्यावस्था से

  • 4

    शेशव अवस्था से

03. बालक के व्यक्तित्व की नींव किस अवस्था में पड़ती है -

  • 1

    शैशवावस्था

  • 2

    गर्भकालीन अवस्था

  • 3

    बचपनावस्था

  • 4

    इनमें से कोई नहीं

06. निम्नलिखित में से कौन-सा उत्तर बाल्यावस्था का लक्षण है -

  • 1

    हठी

  • 2

    समय की संकल्पना

  • 3

    सामाजिक संकल्पना

  • 4

    वीर पूजा

07. निम्नलिखित में से कौन-सी 'मध्य बाल्यावस्था' की विशेषता है -

  • 1

    अमूर्त रूप से सोचने तथा वैज्ञानिक तर्क का प्रयोग करने की योग्यता विकसित होती है।

  • 2

    बच्चे तार्किक एवं मूर्त रूप से सोचना प्रारंभ कर देते हैं।

  • 3

    अधिगम मुख्य रूप से संवेदी एवं चालक गतिविधियां द्वारा घटित होता है।

  • 4

    शरीरिक वृद्धि एवं विकास बहुत तेज से होता है।

08. निम्नलिखित में से मध्य बाल्यावस्था की अवधि का मुख्य प्रमाण चिह्न कौन-सा है -

  • 1

    प्रतीकात्मक-खेल का उभरना

  • 2

    तर्कसंगत विचारों का विकास, जो कि प्राकृतिक रूप से मूर्त है।

  • 3

    पेशीय कौशल और समग्र शारीरिक वृद्धि का तेजी से विकास।

  • 4

    वैज्ञानिक तर्क और अमूर्त रूप से सोचने की क्षमता का विकास।

09. बाल्यावस्था की अवधारणा से क्या अभिप्राय है -

  • 1

    समकालीन सामाजिक-संरचनावादी मनोवैज्ञानिकों के अनुसार, यह एक सामाजिक संरचना है।

  • 2

    यह है कि बच्चे दुष्ट रूप में पैदा होते हैं और उन्हें सभ्य बनाना होता है।

  • 3

    यह कि बच्चे शून्य शुरुआत करते हैं और उनके गुण पूरी तरह से परिवेश के द्वारा निर्धारित किए जाते हैं।

  • 4

    यह विभिन्न सांस्कृतिक संदर्भो में सार्वभौम रूप से समान है।

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