विशिष्ट से सामान्य की ओर
सामान्य से विशिष्ट की ओर
सामान्य से की ओर
विशिष्ट से विशिष्ट की ओर
पाठयोजना का निर्माण
शिक्षण
पुन: शिक्षण
उद्देश्य कथन
सिद्धांत प्रणाली
व्यतिरेकी विधि
व्यास प्रणाली
तुलना विधि
मौखिक परीक्षा में पक्षपात की आशंका रहती है
निबंधात्मक प्रश्नों के मूल्यांकन में वस्तुपरकता का अभाव रहता है।
क्रियात्मक परीक्षाओं में शाब्दिक ज्ञान का महत्व नहीं होता है
वस्तुनिष्ठ परीक्षा में मौलिकता का विकास होता है
5-10 विद्यार्थी
10-201 विद्यार्थी
20-25 विद्यार्थी
15-18 विद्यार्थी
बुद्धि परीक्षण से
निबंधात्मक प्रश्नों से
प्रोजेक्टिव परीक्षण से
उपलब्धि परीक्षण से
यह विद्यार्थी द्वारा अर्जित योग्यता का सही मूल्यांकन नहीं करती है
इसमें सम्पूर्ण पाठ्यक्रम के अध्ययन की आवश्यकता नहीं रहती है
इसमें अंकन का कोई सुनिश्चित मापदण्ड नहीं है।
इनमें से सभी
व्याकरण शिक्षण में
साहित्य शिक्षण में
अभिक्रमित अनुदेशन में
पर्यवेक्षित व्यपन में