दंतिदुर्ग ने चालू क्यों को पराजित कर राष्ट्रकूट साम्राज्य की नींव डाली।
दंतिदुर्ग के उज्जयिनी में हिरण्यगर्भ दान किया था तथा उन्होंने महाराजाधिराज, परमेश्वर, परमंभट्टारक इत्यादि उपाधियां धारण की थी।
दंतिदुर्ग का उत्तराधिकारी कृष्ण प्रथम था।
जिसने एलोरा के सुप्रसिद्ध मंदिर कैलाश नाथ मंदिर का निर्माण करवाया था।
नागभट्ट प्रथम गुर्जर प्रतिहार राजवंश का दूसरा राजा था।
इसने हरिशचंद के बाद सत्ता संभाली पुष्प भूति साम्राज्य के हर्षवर्धन के बाद पश्चिमी भारत पर उसका शासन था, उसकी राजधानी कन्नौज थी।
इसने गुर्जर प्रतिहार के उज्जयिनी शाखा का संस्थापक था।
नागभट्ट प्रथम मेवाड़ का शासक था।
नागभट्ट प्रथम गुर्जर प्रतिहार राजवंश का दूसरा राजा था।
इसने हरिशचंद के बाद सत्ता संभाली पुष्प भूति साम्राज्य के हर्षवर्धन के बाद पश्चिमी भारत पर उसका शासन था, उसकी राजधानी कन्नौज थी।
इसने गुर्जर प्रतिहार के उज्जयिनी शाखा का संस्थापक था।
नागभट्ट प्रथम कन्नौज का शासक था।
गुर्जर प्रतिहार राजवंश की स्थापना नागभट्ट ने 725 ईसवी में की थी।
उसने राम के भाई लक्ष्मण को अपना पूर्वज बताते हुए अपने वंश को सूर्यवंश की शाखा सिद्ध किया।
गुर्जर प्रतिहार सूर्यवंश का होना सिद्ध करते हैं तथा गुर्जर प्रतिहारों के शिलालेखों पर अंकित सूर्यदेव की कलाकृतियों भी इनके सूर्यवंशी होने की पुष्टि करती है।
नागभट्ट प्रथम गुर्जर प्रतिहार राजवंश का दूसरा राजा था।
इसने हरिशचंद के बाद सत्ता संभाली पुष्प भूति साम्राज्य के हर्षवर्धन के बाद पश्चिमी भारत पर उसका शासन था, उसकी राजधानी कन्नौज थी।
इसने गुर्जर प्रतिहार के उज्जयिनी शाखा का संस्थापक था।
नागभट्ट प्रथम मेवाड़ का शासक था।
सिकंदर सिंधु नदी को पार करके तक्षशिला की ओर बढ़ा व भारत पर आक्रमण किया।
तब उसने झेलम व चेनाव नदियों के मध्य अवस्थित राज्य के राजा पौरस को चुनौती दी।
यद्यपि भारतीयों ने हाथियों जिन्हें मेसिडोनिया वासियों ने पहले कभी नहीं देखा था, परंतु भयंकर युद्ध के बाद भारतीय हार गए।
पृथ्वी रासो हिंदी भाषा में लिखा एक महाकाव्य है जिसने पृथ्वीराज चौहान के जीवन और चरित्र का वर्णन किया गया है।
इसके रचयिता चंद्र बरदाई पृथ्वीराज के बचपन के मित्र और उनके राजकवि थे।
पृथ्वीराज रासो से पता चलता है कि राजपूतों के चारों वंश का उदय अग्निकुंड से हुआ है।
बुंदेलखंड मध्य भारत का एक प्राचीन क्षेत्र है।
इसका प्राचीन नाम जो जेजाकभूति है।
इसका विस्तार उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में भी है।
बुंदेली इस क्षेत्र की मुख्य बोली हैय़
भौगोलिक और सांस्कृतिक विविधताओं के बावजूद बुंदेलखंड में जो एकता और समर्थन के लिए जाना जाता है।
आल्हा मध्य भारत में स्थित ऐतिहासिक बुंदेलखंड के सेनापति थे और अपनी वीरता के लिए विख्यात थे।
आल्हा के छोटे भाई का नाम ऊदल था और वह भी वीरता में अपने भाई से बढ़कर ही था।
ये दोनों उत्तर प्रदेश के महोबा जिला से संबंधित थे।
खजुराहो भारत के मध्य प्रदेश प्रांत में स्थित एक प्रमुख शहर है जो अपने प्राचीन एवं मध्यकालीन मंदिरों के लिए विश्व विख्यात है।
यह मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित है।
यह बहुत बड़ी हिंदू और जैन मंदिर है।
खजुराहो स्थित मंदिर का निर्माण चंदेल राजपूत के समय में हुआ था।