यूडियोमीटर का प्रयोग प्रयोगशालाओं में किया जाता है। इसके द्वारा गैसों के मिश्रण में होने वाले परिवर्तनों (आयतन) का पता लगाया जाता है। यूडियोमीटर की खोज 1775 ई. में मार्सिलियो लैन्ड्रिऑनी ने की। वायुमण्डलीय दाब का मापन बैरोमीटर की सहायता से किया जाता है।
स्पेक्ट्रो हीलियोग्राफ वह यंत्र है जिसके द्वारा सूर्य के समूचे अथवा किसी एक भाग का त्रिविमीय (3D) प्रतिबिम्ब बनाया जाता है अर्थात् इसके द्वारा सूर्य के समूचे या किसी एक भाग का चित्रांकन (फोटोग्राफी) किया जाता है। इस यंत्र के विकाश की मौखिक परिकल्पना जैन्सेन ने 1861 में दी थी तथा इसे सर्वप्रथम हेल ने हार्वर्ड में काम करते हुए 1891 में बनाया। बाद में 1962 में लेजर हैलोग्राफी भी खोजी गयी।
दूध का विशिष्ट गुरुत्व मापने के लिये हाइड्रोमीटर का उपयोग करते है। इसे द्रव घनत्वमापी भी कहते है। हाइड्रोमीटर इस सिद्धान्त पर आधारित है कि द्रव में अंशतः डूबे हुए और संतुलित पिंड का भार उतने द्रव के भार के बराबर है, जो पिंड का डूबा हुआ भाग विस्थापित करता है।
हायेटोमीटर यंत्र का उपयोग वर्षा मापने के लिए किया जाता है। वर्षा मापने के लिये अधिकतर मौसम विज्ञानी रेन गेज का उपयोग करते है, रेन गेज में वर्षा मिलीमीटर में मापी जाती है। 1662 में क्रिस्टोफर व्रेन ने ब्रिटेन में पहला रेन गेज बनाया था।
स्टेथोस्कोप का आविष्कार वर्ष 1816 में फ्रांसीसी चिकित्सक रेने लेनेक द्वारा किया गया था।
स्फिग्मोमैनोमीटर अथवा रक्तचाप मापी के द्वारा शरीर का रक्त दाब मापा जाता है।
कैरेट मीटर एक वैज्ञानिक यंत्र है, जिसमें X- किरणों के प्रयोग से सोना, चाँदी, प्लेटिनम, पैलेडियम, रोडियम तथा अन्य सम्बंधित मिश्र धातुओं की गुणवत्ता एवं उनके धात्विक संघटन का परीक्षण किया जाता है।
लक्समीटर का प्रयोग किसी क्षेत्र विशेष में पड़ने वाले प्रकाश द्वारा उत्पन्न चमक की तीव्रता मापने में किया जाता है।